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लेखनी कहानी -01-Jun-2022 डायरी जून 2022

माउंट आबू की सैर (2) 


सखि, 
इस तरह हम लोग माउंट आबू की सैर कर रहे थे । रास्ते में बहुत से सैलानी विभिन्न मुद्राओं में फोटोशूट कर रहे थे और वीडियो भी बना रहे थे । आजकल फोटोशूट करने और वीडियो बनाने का प्रचलन बहुत ज्यादा हो गया है । ऐसे ऐसे खतरनाक तरीके से फोटो खिंचवाते हैं लोग कि दिल धक से रह जाता है । 

एक लड़का दो नावों पर खड़े होकर फोटो खिंचवा रहा था । उसका एक पैर एक नाव पर और दूसरा पैर दूसरी नाव पर था । नाव लगातार चल रही थी और वह खड़े होकर अलग अलग पोज बनाकर फोटो खिंचवा रहा था । भगवान न करे कोई घटना घट जाये और कोई हादसा हो जाये तो एक बेटा, पति और नन्हे बच्चों का बाप इस दुनिया से "रुखसत" हो सकता था । मगर कौन परवाह करे ? खतरों के खिलाड़ी जो ठहरे । 

इसी तरह पहाड़ी के ऊपर भी स्टंट करते हुए फोटो खिंचवा रहे थे कुछ लोग । सही कहा है हमारे देश के लोगों के बारे में "ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का , इस देश का यारो क्या कहना , ये देश है दुनिया का गहना" । 

लोगों के ऐसे ऐसे स्टंट देखकर हमारे देश के लोगों की बहादुरी,  वीरता , जांबाजी,  मर्दानगी को देखकर बड़ा फक्र होता है । ऐसे लोग अपनी जान हथेली पर रखकर चलते हैं । कितने महान हैं यहां के इंसान । न जाने कितने हादसे रोज होते हैं । मीडिया में भी खूब चर्चा होती है ऐसे हादसों की । मगर लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता है । क्योंकि मर्दानगी तो कूट कूट कर भरी पड़ी है इन लोगों में । और जहां पर लड़कियां दिख जायें तो अपनी "कला" का प्रदर्शन करने का आनंद कुछ और ही होता है । तब ये लोग ऐसा मौका बिल्कुल नहीं छोड़ते हैं । अपनी सारी "कलाकारी" दिखाकर ही मानते हैं । 

हम लोग एक सड़क पर अपनी इनोवा से जा रहे थे । अचानक सामने बीच सड़क पर खड़ी हुई मोटरसाइकिल को देखकर ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी । मैंने सामने देखा तो दंग रह गया । एक नौजवान अपनी बीवी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर अलग अलग मुद्राओं में फोटो लिए जा रहा था । ड्राइवर ने जब हॉर्न बजाकर उसका ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की तो उसने हमें ऐसी नजरों से देखा जैसे हमने उसकी "तपस्या" में कोई खलल डालकर गंभीर अपराध कर दिया हो । 

उसकी नजरें कह रही थीं कि "देखते नहीं हम लोग अभी अपने शयन कक्ष में 'काम क्रीड़ा' में निमग्न हैं और तुम इतने बेगैरत इंसान हो कि हमारे इस पवित्र काम में बाधा डालने आ गये । और अगर आप भी गये तो थोड़ा इंतजार नहीं कर सकते हैं क्या ? हम लोग सृष्टि को 'बढाने' में लग रहे हैं । तुम्हारी तरह फालतू नहीं घूम रहे" । 

उसके चेहरे के हाव भाव देखकर हमें खुद पर बहुत ग्लानि होने लगी । एक ये लोग हैं जो "प्रेम रस में सराबोर होकर सड़क को ही 'कामवन' बना रहे हैं । प्रेम का संदेश दे रहे हैं । और दूसरी तरफ हम जैसे लोग हैं जो इधर-उधर घूमकर पेट्रोल धुंए में उड़ा रहे हैं । इन बेचारों को अपना काम करते रहने देना चाहिए । हमारा क्या है , ये काम तो हम लोग बहुत पहले ही कर चुके हैं । 

मैं कुछ कहता उससे पहले ही उसने हम पर अहसान जताते हुए अपनी बीबी को फोटो शूट करने से रोका और फिर अपनी बीवी उसके बाद मोटरसाइकिल को बीच सड़क से हटाया गया । उसके इस अहसान को मैं जिंदगी भर नहीं भुला पाऊंगा । इसके बाद हम लोग सीधे कॉटेज में आ गये । 

घर आकर श्रीमती जी को उल्टियां होने लगी । थोड़ा बुखार भी था । थोड़ी देर बाद बहू को भी उल्टी हुई । और बाद में बेटे को भी हो गई । एक साथ तीन तीन सदस्य जब बीमार पड़ जायें तो चिंता होना स्वाभाविक है । प्राथमिक उपचार साथ लेकर ही हम लोग निकलते हैं सखि। अब सब लोग ठीक हैं । गुरूशिखर नहीं जा पाए इस चक्कर में हम । 

खैर, कोई नहीं । गुरूशिखर बाद में देख लेंगे सखि । अब तो रवानगी की तैयारी है । तो चलते हैं अब । कल फिर मिलेंगे । राम राम । 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
28.6.22 

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4 Comments

Radhika

09-Mar-2023 12:41 PM

Nice

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Gunjan Kamal

06-Mar-2023 08:51 AM

Nice 👍🏼

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Raziya bano

28-Jun-2022 08:59 AM

Nice

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